भारत में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने एक विशेष पहल शुरू की है, जिसका लक्ष्य है कि देश के हर नागरिक तक संतुलित आहार और पोषण संबंधी जानकारी पहुँचे। खासकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और कमजोर आर्थिक स्थिति वाले वर्गों में कुपोषण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। इसके चलते सरकार ने पोषण अभियान के तहत कई योजनाओं का संचालन शुरू किया है, ताकि गरीब और पिछड़े क्षेत्रों में पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सके।
इसमें स्कूलों में मिड-डे मील कार्यक्रम को और पोषक बनाने, गर्भवती महिलाओं के लिए मुफ्त आहार पूरक उपलब्ध कराने, और पोषण जागरूकता शिविरों का आयोजन शामिल है। इन शिविरों के माध्यम से ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में लोगों तक पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाई जा रही है, ताकि वे अपने दैनिक आहार में आवश्यक पोषक तत्वों को शामिल कर सकें।
सरकार का उद्देश्य है कि हर बच्चे को उचित शारीरिक और मानसिक विकास का अवसर मिले। इस दिशा में, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे घर-घर जाकर पोषण संबंधी जानकारी साझा कर सकें और जरूरतमंदों को आवश्यक आहार पूरक प्रदान कर सकें। इस पहल से कुपोषण में कमी की उम्मीद की जा रही है, जिससे एक स्वस्थ और मजबूत समाज का निर्माण हो सकेगा।
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